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अकेला चला था लोग जुड़ते गए और कारवां बढ़ता गया ...

संस्था को शुरू करने वाले गुरमेल सिंह, स्वर्गीय सुखदेव सिंह, पवन कसाना, मुकेश बाबू द्वारा शुरू की गई नेकी की दीवार संस्था को शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा। धीरे-धीरे जैसे समाज में संस्था के कार्य और विचारों को लोगों ने जाना तो, वे इससे प्रभावित होकर संस्था से जुड़ने लगे। पूरनपुर शहर के जाने-माने समाजसेवी गुरु भाग सिंह, अशोक खंडेलवाल, संदीप खंडेलवाल, सोनू छीना, अमनदीप खालसा, मुकेश एडवोकेट, गुरुद्वारा सिंह सभा कमेटी, राजू मान, सनी खंडेलवाल, अमृत सिंह, राहुल सक्सेना आदि ने संस्था से जुड़कर ये सभी समाज हित में कार्य करने लगे। नेकी की दीवार संस्था के कार्यों को न्यूज चौनल व प्रिंट मीडिया क्षेत्र से जुड़े दिल्ली से रमेश ठाकुर, नवीन अग्रवाल, सतीश मिश्रा, सौरभ पांडे, रामनरेश शर्मा, अवधेश पांडे, राजकुमार, योगेश आदि ने भी संस्था का काफी सहयोग व समर्थन के साथ-साथ संस्था के कार्यों को सही दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। नेकी की दीवार संस्था के लिए देशभर से अपार सहयोग समर्थन प्राप्त हुआ। जिसमें उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में तैनात उपजिलाधिकारी श्रद्धा शांडिल्य, पुलिस विभाग नोएडा में एसएचओ के पद पर तैनात भुवनेश गौतम, सिलीगुड़ी में तैनात एसएसबी डिप्टी कमांडेंट रजनीश मोरल आदि ने संस्था के कार्यों की काफी प्रशंसा सराहना व सहयोग किया। संस्था के कार्यों और विचारों से प्रभावित होकर मुंबई फिल्मी दुनिया से मनु शुक्ला, के के गोस्वामी, शक्ति कपूर आदि का प्यार स्नेह भी संस्था को मिल रहा है।

नेकी की दीवार के संस्थापक गुरमेल गिल

संसार में बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो दुसरों के बारे में वबी जम हैं औरजो ऐसा सोचते भी हैं उनमें भी अधिसंख्य आगे बढ़ कर नेत्रत्वकी क्षमता नहीं रखते सिर्फ स्वयं दान पुन्य या सेवा कर लेने से भी कहीं बेहतर है दूसरे लोगों को प्रेरित कर संगठित रूप से सेवा करना। हमारी संस्कृति “परहित सरिस धर्म नहीं भाई” के आदर्श की अनुगाम है। गुरु नानक देव जी ने भी भूखे साधुओं को भोजन छका कर सेवा का ही एक अनूठा महाकुम्भ” लंगर आरम्भ किया था जो आज लाखोबेबस प्रणीयों की प्राण रक्षाका आधार है। गुरुसाहिब ने मानव सेवा हेतु “दस्वन्ध” प्रथा को बढावा दिया था। अपनी आय का एक निश्चित् भाग मानव सेवा के लिए निकालना ही दसबंध कहलाता है। इस्लामिक कलचर में जकात भी मानव सेवा ही है समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े मनुष्य की बिना जाति धर्म या राष्ट्रयिता देखे सहायता करना ही सेवा है।

आज खालसा एड विश्व भर में अपने सेवा भाव के लिए किसी परिचाय का मोहताज नहीं है बेशक रवी सिंघ जैसे लोग हर गाओं मोहल्ले में रोज नहीं पैदा होते फिर भी उनसे प्रेरणा लेकर मानव सेवा की अलख तो जगा ई ही जा सकती है ऐसी ही अलख यूपी के जनपद पीलीभीत के नगर पूरन पुर में जगाई गुरमेल गिल ने यूपी के जिला लखीमपुर के गोला संभाग के गाओं पहाड़पुर में माता सुखबीर कौर एवं सरदार मेजर सिंघ के घर 2 मार्च 1986 को जन्मे गुरमेल की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही गुरु गुरु नानक इंटर कालेज में हुई उच्च शिक्षा के लिए इन्वर्टिस यूनीवर्सिटी में प्रवेश लिया जहाँ से बी बी ए तथा पीसीटी बद्दोवाल लुधियाना से डठ। की डिग्री हासिल की कोटक महिन्द्रा से सर्विस कैरियर शुरू कर साईकिल निर्माण की विश्व स्तरीय कंपनी भोगल ठभ्ळ। से होते हुए दिल्ली के प्रगति मैदान में एगजीबिशन कोआर्डिनेटर के रूप में देश विदेश की जानीमानी हस्तियों के साथ रूबरू होने का मौका मिला द्य पर दिल में कुछ अलग ही कर गुजरने का जज्बा था इसी धुन में 2015 में पूरनपुर नगर में ‘अमरीक पदही फैशन विला नाम से रेडीमेड कपड़ों की एक दुकान खोल ली पर गुरमेल पूरनपुर में कपड़े बेचने नहीं आया था उसे तो क्षेत्र के दीनेंहीन बेबस लोगों की अन्तरात्मा की करुण पुकार खींच लाई थी। एक अनजान से शहर में एक खिलंदडा सा नौजवान बीच बाजार में कपड़े नहीं बेच रहा था उसकी आँखों में तो हर नंगे बदन को ढकने व भूखे तन को भरने का सपना था ।

नेकी की की दीवार जिंदगी की आस व त्याग की पराकाष्ठा

पूरनपुर, पीलीभीत- वर्तमान अधुनिक काल में जिंदगी की भागदौड़ में, जहाँ गलाकाट प्रतिस्पर्धा हो, नैतिक मूल्यों का जहाँ पतन हो रहा हो, अराजकता जैसी स्थिति यदाकदा परिलक्षित हो, जहाँ मानवता और मानवीय मूल्यों का हास अक्सर दिखाई पड़ जातें हो। वहाँ शोषित समाज का, गरीब- निर्धनों का, गंभीर बिमारी से जुझ रहे गरीब रोगीयों का, बेरोजगारों का, बेसहारा अनाथों का, विधवाओं का, गरीब अशिक्षितों की जिंदगी की एक अनमोल आस व त्याग की पराकाष्ठा के रूप में पिछले कई वर्षों से नेकी की दीवार संस्था ने अनगिनत इबादतें लिखी हैं। संस्था द्वारा सभ्य समाज की स्थापना के लियें. नैतिक संस्कारों के लियें, सबके चहरों पर मुस्कुराहट लाने के लिए नेकी की दीवार की जितनी प्रशंसा की जायें वो कम है। नेकी की दीवार संस्था के कार्यों को भारतवर्ष से लेकर सात समुंदर पार अमेरिका कनाडा, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया आदि में भी इनके कार्यों की चर्चा व प्रशंसा अक्सर न्यूज पेपर्स व सोशल मीडिया पर देखनें को मिल जातीं हैं।
आज हम आपको परिचित करा रहे हैं नेकी की दीवार संस्था से जिसें 2017 में नववर्ष के दिन पूरनपुर शहर निवासी गुरमेल सिंह, स्वः सुखदेव सिंह, पवन कसाना, मुकेश बाबू आदि ने अपने नजदीकी मित्रों, परिजनों और समाज के प्रबुद्धजनों को साथ लेकर नेकी की दीवार संस्था बनाकर उसके माध्यम से गरीबों, असहायों, जरूरतमंदों, समाज में आर्थिक व समाजिक रूप से दबें कुचलें लोगों की मदद कर उनके समाजिक व आर्थिक उत्थान का कार्य किया। सभ्य समाज में फैलीं बहुत सी बुराइयों व कुरितियों एव अन्य गंभीर मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने का कार्य निरंतर किया जा रहा है।